OPINION: प्रियंका गांधी के नाम पर किससे हिसाब चुकाना चाहते हैं कमलनाथ

 कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) लोकसभा चुनाव के पहले से ही अपनी कर्मभूमि उत्तर प्रदेश को बना चुकी हैं. प्रियंका यहां का संगठन मजबूत करने पर अपना ध्यान केन्द्रित किए हुए हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) उन्हें मध्य प्रदेश से राज्यसभा में भेजकर एक तीर से कई निशाने साधना चाहते हैं. प्रियंका गांधी प्रस्ताव स्वीकार कर लेती हैं तो राजा (दिग्विजय सिंह) और महाराजा (ज्योतिरादित्य सिंधिया) में से किसी का पत्ता कटना तय माना जा रहा है.


उत्तर प्रदेश में बनी थी प्रियंका-सिंधिया की जोड़ी



कांग्रेस की राजनीति में यह माना जाता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की गांधी परिवार से केमेस्ट्री बहुत अच्छी है. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों की टीम में सिंधिया का चेहरा बेहद महत्वपूर्ण है. कांग्रेस समिति की बैठक अथवा कांग्रेस की अन्य महत्वपूर्ण बैठकों में प्रियंका और सिंधिया साथ-साथ बैठे दिखाई देते हैं. प्रियंका गांधी से सिंधिया की यह नजदीकी पुरानी पीढ़ी के कई नेताओं को खलती है. प्रियंका गांधी और सिंधिया दोनों ही कांग्रेस के महासचिव हैं. प्रियंका गांधी पूर्वी उत्तर प्रदेश और सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी लोकसभा चुनाव के दौरान दी गई थी. उत्तर प्रदेश गांधी परिवार की राजनीतिक कर्मभूमि भी है.


 


प्रियंका को एमपी से राज्यसभा में क्यों लाना चाहते हैं कमलनाथ


पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने अमेठी के साथ-साथ केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ा था. अमेठी से राहुल गांधी चुनाव हार गए थे. सोनिया गांधी उत्तर प्रदेश के रायबरेली से चुनाव लड़ती हैं. गांधी परिवार की प्राथमिकता में कभी भी राज्यसभा नहीं रहा है. प्रियंका गांधी राज्यसभा से संसदीय राजनीति की शुरुआत करेंगी, ये अभी तय होना बाकी है. कमलनाथ प्रियंका को मध्य प्रदेश से लाना चाहते हैं. जो नजदीकी ज्योतिरादित्य सिंधिया की इन दिनों गांधी परिवार के साथ दिखाई देती है, उसी तरह की नजदीकी अस्सी के दशक में कमलनाथ की इंदिरा गांधी और संजय गांधी के साथ दिखाई देती थी.


 


इंदिरा गांधी ने तो कमलनाथ को सार्वजनिक मंच से अपना तीसरा बेटा भी कहा था. कमलनाथ को मध्य प्रदेश की राजनीति में इंदिरा गांधी ही लेकर आई थीं. इंदिरा गांधी के कारण ही वर्ष 1980 में कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से लोकसभा का चुनाव लड़ा था. वर्ष 1980 से अब तक हुए लोकसभा के चुनावों एवं उप चुनावों में केवल एक बार ही भारतीय जनता पार्टी छिंदवाड़ा से चुनाव जीत सकी है. कमलनाथ, प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश से राज्यसभा में भेजकर गांधी परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं.


गांधी परिवार ने अब तक नहीं दी है कोई भी प्रतिक्रिया


बताया जाता है कि प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजने का प्रस्ताव कमलनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के समक्ष रखा है. सोनिया गांधी ने इस प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है. लेकिन मध्य प्रदेश में कमलनाथ समर्थक मंत्रियों ने प्रियंका गांधी को मध्यप्रदेश से चुनाव लड़ाने की मांग तेज कर दी है. राज्य के लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने ट्वीट कर कहा, 'इंदिरा गांधीजी अनुसूचित जाति जनजाति एवं महिला वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध थीं, उन्हीं के पद चिन्हों पर प्रियंकाजी चल रही हैं. जिस तरह इंदिराजी कमलनाथ जी को मध्य प्रदेश लाईं थीं, उसी तरह अब प्रियंकाजी को प्रदेश से राज्यसभा में लाने का वक्त आ गया है.'


इस ट्वीट को सज्जन सिंह वर्मा ने प्रियंका गांधी के भाई और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भी टैग किया था. मामला सीधे गांधी परिवार से जुड़ा हुआ है इस कारण कांग्रेस का कोई भी नेता इस प्रस्ताव का विरोध करने की स्थिति में नहीं है. लेकिन इसके पीछे छिपी राजनीति हर कोई समझ रहा है.


कमलनाथ के निशाने पर कौन सिंधिया या दिग्विजय?


अप्रैल में राज्यसभा के 3 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है. विधानसभा के मौजूदा अंकगणित के अनुसार कांग्रेस को 2 सीटें मिल रही हैं. भारतीय जनता पार्टी के 2 और कांग्रेस के एक सदस्य दिग्विजय सिंह का कार्यकाल पूरा हो रहा है. भाजपा के प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल 9 अप्रैल को पूरा हो रहा है. राज्यसभा के चुनाव के लिए अधिसूचना मार्च के पहले सप्ताह में जारी होने की संभावना है. सिंधिया लोकसभा का चुनाव हार चुके हैं. इस कारण उनका नाम राज्यसभा के लिए चर्चाओं में है. दिग्विजय सिंह भी राज्यसभा के लिए मजबूत दावेदार हैं.


यदि प्रियंका गांधी मध्य प्रदेश से राज्यसभा जाने के लिए सहमति देती हैं तो दिग्विजय सिंह और सिंधिया में से किसी एक का पत्ता कट सकता है. दिग्विजय सिंह, कमलनाथ के करीबी हैं, इस कारण ही यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सिंधिया की राह रोकने के लिए ही प्रियंका गांधी का कार्ड खेला गया है. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने भी प्रियंका गांधी से राज्यसभा का चुनाव लड़ने का आग्रह किया है.